अखिलेश के इस मास्टर स्ट्रोक के आगे चारो खाने चीत हुई भाजपा!

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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिता की तरह अखिलेश ने गोरखपुर सीट को लेकर बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. गोरखपुर में निषाद समाज की तादाद काफी ज्यादा है, लगभग 3.5 लाख है. 2014 में भी समाजवादी पार्टी की महिला प्रत्याशी राजमती निषाद दूसरे नंबर पर रही थीं. मतलब साफ़ है अखिलेश यादव ने निषाद पार्टी का समर्थन लेकर एक ऐसा समीकरण बना दिया हैं कि अब बीजेपी के लिए गोरखपुर सीट जितना इतना आसान नहीं होगा.

आपको बता दें पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में निषाद, बिंद वोटर की संख्या निर्णायक स्थिति में है. इंटरनेट के एक रिपोर्ट के मुताबिक निषादों की सबसे ज्यादा संख्या गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में है. गोरखपुर में निषाद की संख्या करीब तीन से साढ़े तीन लाख बताई जाती है. ऐसे ही देवरिया में करीब एक लाख, बांसगांव में करीब दो लाख, महराजगंज में करीब ढाई लाख और पड़रौना में करीब तीन लाख निषाद मतदाता हैं.

1996 में मुलायम सिंह यादव ने भी मल्लाह जाती की फूलनदेवी को टिकट देकर बड़ा दांव खेल दिया था. इस बार बेटे अखिलेश यादव उपचुनाव में निषाद पार्टी से गठबंधन करके बड़ा दांव खेला है. राजनीतिक जानकार इस बहुत बड़ा मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं और अब भाजपा के लिए और बड़ी चुनौती होगी. बीजेपी ने अभी भी कैंडीडेट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है तो ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किसे टिकट देती है.


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