मुलायम के खिलाफ अमर सिंह ने यह सारा बयान देकर किया था सपा को शर्मसार, आज बने हैं उनके हमदर्द


मौजूदा समय में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खासम-खास बने हुए अमर सिंह ने आज से कुछ समय पहले उनके खिलाफ कई ऐसे बयान दिए थे. जिसे सुनकर कोई भी सपाई बर्दास्त नहीं कर सकता है लेकिन फिर भी आज बड़े दिल बाले मुलायम, अमर सिंह के उन बयानों को नजरअंदाज कर के चल रहे हैं और उन्हें भाई समान समझ रहे हैं. हम आपको अमर सिंह के उन बयानों को बताने जा रहे हैं जो एक शायद ही आपने कभी सुना होगा. आईये जानते हैं अमर ने क्या कहा था:

21 मार्च 2010- अमर सिंह ने अपने एक ब्लॉग में लिखा था कि मुलायम सिंह या तो लोहियावादी नहीं हैं या फिर अपने स्वार्थी मुलायमवाद का सफेद झूठ लोहिया जी पर मढऩा चाहते हैं. उनकी सारी नेतृत्व क्षमता, गुणवत्ता सिर्फ एक ही परिवार में है. मैंने बहुत गलती की जो 14 साल से हो रही इस धांधली को नहीं देख पाया.


11 मई 2010- अमर ने अपने एक ब्लॉग में यह भी लिखा था कि मैं मुलायम सिंह का दर्जी और कूड़ेदान रहा हूं. उनकी गलत-सलत नीतियों को नैतिकता का कपड़ा सिलकर संवारने का मैं 14 साल का अपराधी हूं, लेकिन लेकिन दल की गलतियों का श्रेय लेने वाला कूड़ेदान अब मैं नहीं रहा.

23 अक्टूबर 2010- राजधानी लखनऊ में दिए के बयान में अमर ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव ने लोहिया के सिद्धांतों की बलि चढ़ा दी है. लोहिया ने कभी भाई-भतीजावाद को बढ़ावा नहीं दिया. मुलायम इसी को बढ़ावा दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी में सिर्फ दो अपवाद थे. एक जनेश्वर मिश्र और दूसरे अमर सिंह. एक को रामजी खा गए तो दूसरे को रामगोपाल.

5 दिसंबर 2010- उन्होंने भदोही के बयान देते हुए कहा था कि मैं बोल दूंगा तो मुलायम मुश्किल में पड़ जाएंगे. मेरा मुंह खुला तो सपा के कई नेता जेल पहुंच जाएंगे और मुलायम सिंह को जेल की चक्की पीसनी पड़ेगी.


15 जनवरी 2011- आगरा ने अमर ने कहा था कि मुलायम सिंह की सूरत देखने से पहले मैं पोटेशियम साइनाइड खाकर जान दे दूंगा. मैंने दलाली करके मुलायम की सरकार बनवाई, फिर भी उन्होंने अपने लोगों से मुझे बेशर्म कहलवाया.

25 जनवरी 2012- लखनऊ में अमर ने कहा था कि मैं अब मुलायम सिंह यादव या समाजवादी पार्टी का नौकर नहीं हूं. मुझे उनके कई राज मालूम हैं, जिन्हें न तो मैंने उजागर किया है, न कभी करूंगा.

21 फरवरी 2012- अमर ने लखनऊ में ही एक बयान जारी करते हुए कहा था कि यूपी के भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री मायावती और मुलायम सिंह यादव दोनों साझीदार हैं. मुलायम सिंह एक पहिए की साइकिल चलाने वाले जोकर हैं.

12 अप्रैल 2012- जबकि आगर में एक बड़ा बयान देते हुए अमर ने कहा था कि मुलायम सिंह ने बलात्कार पर बयान दिया है कि लड़के हैं, मन मचल जाता है। ऐसा लगता है कि मुलायम सिंह का वश चले तो रेप को भी जायज कर दें.

5 अगस्त 2013- नई दिल्ली में दिए बयान में उन्होंने कहा था कि मुलायम सिंह यादव धृतराष्ट्र हो गए हैं वे भूल जाते हैं कि वे राजा नहीं, जनता के नौकर हैं

22 अगस्त 2016- जबकि नई दिल्ली में दिए अपने एक बयान में उन्होंने यह कहा था कि अखिलेश यादव फोन पर नहीं आते. अखिलेश सरकार में भी वही लोग ऐश कर रहे हैं, जो मायावती के राज में ऐश कर रहे थे. राज्यसभा में हमको मूकबधिर बना दिया गया है.



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