हुआ बड़ा खुलासा: मुलायम ने इनके कहने पर ही अमर को पार्टी में लाया वापस!


समाजवादी पार्टी में मची रार की एक बड़ी वजह मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता को ही माना जा रहा. पार्टी से निकाले गये उदयवीर सिंह ने अपने लैटर में में भी इस बात का जिक्र किया था. एमएलसी के मुताबिक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता को ही बाप-बेटे के बीच झगड़े कराने में लगी हुई है. इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि जहां मुख्यमंत्री अखिलेश राज्यसभा सांसद अमर सिंह की देखना भी नहीं चाहते हैं. तो वहीं मुलायम ने साधना के कहने पर ही अमर को पार्टी में दोबारा लाये और उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया.


कहा जाता है कि मुलायम अपने पहली पत्नी और मुख्यमंत्री अखिलेश के रहते हुए ही साधना गुप्ता से प्रेम विवाह किया था. साधना गुप्ता से मुलाकात की मुलायम उस वक्त हुई थी राजनीति में उनका सिक्का बोलने लगा था. बताया जाता है कि 1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष थे, उसी दौरान उनकी मुलाकत साधना से हुई थी जो उस वक्त के पार्टी के मामूली कार्यकता थी लेकिन फिर भी मुलायम ने फिर भी खूबसूरत साधना को अपना दिल दे दिया. आपको यह भी बता दें कि साधना गुप्ता मुलायम से उम्र में 20 साल छोटी हैं. कहा जाता है कि जब अखिलेश की मां को यह पता चला मुलायम और साधना के बीच प्रेम संबंध हैं उन्हें काफी सदमा लगा. साथ ही कुछ दिनों के बाद लम्बी बीमारी के कारण निधन हो गया उसके बाद से मुलायम सिर्फ साधना की ही सुनने लगे.

इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि 80 के दशक में शुरू हुई साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की जानकारी अमर सिंह को भी थी. कहा जाता है कि मुलायम सिंह परिवारिक दबाव के कारण मालती देवी को जनता के सामने अपनी अधिकारी पत्नी के रूप में नहीं लाना चाहते थे. साथ ही इसकी बड़ी वजह अखिलेश भी थे. लेकिन उन दिनों साधना अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाए क्योंकि वो यह चाहती थी कि मुलायम उन्हें अपना आधिकारिक पत्नी मान लें.

उसके बाद अमर सिंह नेताजी से साधना गुप्ता और उनके पुत्र प्रतीक गुप्ता को समाज के सामने लाने के लिए अखिलेश के ऐतराज के बाद भी आग्रह करने में जुट गये. उसके बाद अमर सिंह के लगातार कहने के बाद ही मुलायम ने 2007 में साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया और उनकी बातों का ज्यादा महत्व देने लगे. इस वजह से भी यह कहा जाता है कि अमर सिंह और साधना गुप्ता के कारन ही नेताजी से अखिलेश और उनकी मां को कभी न्याय नहीं मिला.



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