बड़ी ख़बर: गोरखपुर हादसे पर बड़ा ख़ुलासा…

गोरखपुर हादसे के बाद बहुत बड़ा खुलासा सामने आया है जिसमें योगी सरकार के अधिकारीयों और मंत्रियों की लापरवाही सामने आई है. इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार के उस दावे पर ही अब सवाल उठने लगे हैं, जिसमें यह कहा गया था कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं थी. क्योंकि अगर हॉस्पिटल में लिक्विड ऑक्सीजन की कमी नहीं थी तो आपात आपूर्ति की व्यवस्था क्यों की गई.

मिली जानकारी के अनुसार 11 अगस्त को बाल रोग विभाग में ऑक्सीजन प्रेशर लो होने की आख्या रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसके मुताबिक कॉलेज प्रशासन को जानकरी दी गई थी कि 10 अगस्त की शाम 7.30 बजे लिक्विड ऑक्सीजन प्रेशर कम होने लगा तो रिज़र्व 52 ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर काम चलाया गया.

इसके बाद आईजीएल फ़ैजाबाद से 11 अगस्त को 50 सिलिंडर मंगाया गया. रात 1.30 बजे के करीब सिलिंडर सेंट्रल पाइप लाइन ऑपरेटर द्वारा तुरंत लगाया गया. सुबह 8.30 बजे फिर फ़ैजाबाद से सिलिंडर पहुंचा जिसे लगाया गया. इसके बाद 11 अगस्त को ही दोपहर डेढ़ बजे मोदी फार्मा से 22 सिलिंडर मंगाया गया. शुक्रवार को ही 4.30 बजे मोदी फार्मा से 36 सिलिंडर पहुंचा. 11 अगस्त को ही 100 सिलिंडर मोदी फार्मा के पास भरने के लिए भेजा गया.

जानकारी मिली है की 10 अगस्त को ही सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन के ऑपरेटरों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र के माध्यम से ऑक्सीजन की कमी को लेकर अवगत करा दिया था. जिसमें ल‍िखा है, ”आपको अवगत कराना है कि हमारे द्वारा पूर्व में 3 अगस्त को लि‍क्विड ऑक्सीजन के स्टॉक खत्म होने की जानकारी दी गई थी. 10 अगस्त की लि‍क्विड ऑक्सीजन की रीडिंग 11:20 मिनट पर 900 है, जोकि आज रात तक सप्लाई हो पाना संभव है. नेहरू हॉस्पिटल में पुष्पा सेल्स कंपनी के द्वारा स्थापित लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई पूरा नेहरू हॉस्पिटल में दी जाती है. पुष्पा सेल्स के अधि‍कारी से बार-बार बात करने पर पि‍छला भुगतान न किए जाने का हवाला देते हुए लिक्वि‍ड ऑक्सीजन की सप्लाई देने से इनकार कर दिया है. तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर सभी वॉर्डों में भर्ती मरीजों की जान को खतरा है. निवेदन है कि मरीजों के हित को देखते हुए तत्काल ऑक्सीजन की ऑपूर्ति सुनिश्चित कराने की कृपा करें.”

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